सरकारी शिक्षक की रिटायरमेंट उम्र बढ़ेगी? जानें क्या है सरकार का पूरा प्लान Teacher Retirement Age

By Meera Sharma

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Teacher Retirement Age

Teacher Retirement Age: मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों की सेवानिवृत्ति आयु को लेकर एक दिलचस्प स्थिति बनी हुई है। राज्य सरकार ने हाल ही में विश्वविद्यालयों के प्रोफेसरों, लेक्चररों और चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर पैंसठ वर्ष कर दी है। यह निर्णय इन क्षेत्रों में अनुभवी पेशेवरों की सेवाओं का बेहतर उपयोग करने की दृष्टि से लिया गया था। लेकिन इस नीति में स्कूली शिक्षा के शिक्षकों को शामिल नहीं किया गया है जिससे शिक्षा क्षेत्र में एक प्रकार की असमानता पैदा हो गई है। स्कूली शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु अभी भी बासठ वर्ष ही बनी हुई है।

मध्य प्रदेश में शिक्षकों की वर्तमान स्थिति

प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में लगभग चार लाख शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। ये शिक्षक प्राथमिक स्तर से लेकर माध्यमिक स्तर तक विभिन्न विषयों में बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं। वर्तमान में इन शिक्षकों को बासठ वर्ष की आयु पूरी होने पर सेवानिवृत्त होना पड़ता है। इसके विपरीत उच्च शिक्षा संस्थानों में कार्यरत प्राध्यापक और चिकित्सा विभाग के डॉक्टर पैंसठ वर्ष तक अपनी सेवाएं दे सकते हैं। यह अंतर शिक्षक समुदाय में असंतोष का कारण बना हुआ है क्योंकि सभी शिक्षा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ समान व्यवहार नहीं हो रहा है।

शिक्षकों की कमी और इसके प्रभाव

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी एक गंभीर समस्या है। यह कमी विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक गंभीर है जहां कई स्कूलों में पर्याप्त संख्या में शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। इस स्थिति का सीधा प्रभाव बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता पर पड़ता है। जब अनुभवी शिक्षक बासठ वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो जाते हैं तो उनके स्थान पर तुरंत नए शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाती। इससे शिक्षक-छात्र अनुपात और भी खराब हो जाता है। यदि इन अनुभवी शिक्षकों को तीन साल की अतिरिक्त सेवा का अवसर मिले तो यह समस्या काफी हद तक कम हो सकती है।

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शिक्षक संगठनों की मांग और तर्क

विभिन्न शिक्षक संगठनों ने मिलकर इस मुद्दे को सरकार के सामने रखा है। उनका मुख्य तर्क यह है कि शिक्षा एक ऐसा क्षेत्र है जहां अनुभव का बहुत महत्व होता है। एक अनुभवी शिक्षक न केवल पाठ्यक्रम को बेहतर तरीके से पढ़ाता है बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। बासठ वर्ष की आयु में भी अधिकतर शिक्षक शारीरिक और मानसिक रूप से पूर्णतः सक्षम होते हैं और अपना काम प्रभावी रूप से कर सकते हैं। तीन वर्ष की अतिरिक्त सेवा से न केवल शिक्षकों की कमी कम होगी बल्कि नई भर्तियों पर भी दबाव कम पड़ेगा।

सरकार को प्रस्तुत औपचारिक मांग

शिक्षक संगठनों ने लोक शिक्षण संचालनालय के माध्यम से राज्य सरकार को औपचारिक मांग पत्र सौंपा है। इस प्रस्ताव में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्कूली शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु भी पैंसठ वर्ष की जानी चाहिए। संगठनों का कहना है कि जब उच्च शिक्षा और चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध है तो स्कूली शिक्षकों के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। उनका तर्क है कि शिक्षा चाहे किसी भी स्तर की हो उसका महत्व समान होता है।

संभावित लाभ और सकारात्मक प्रभाव

यदि सरकार इस मांग को स्वीकार कर लेती है तो इसके कई सकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। सबसे पहले तो प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी में राहत मिलेगी। अनुभवी शिक्षक तीन साल तक अपनी सेवाएं जारी रख सकेंगे जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती रहेगी। सरकार को नई भर्तियों के लिए समय मिलेगा और वह योजनाबद्ध तरीके से शिक्षकों की भर्ती कर सकेगी। इससे शिक्षा व्यवस्था में स्थिरता आएगी और निरंतरता बनी रहेगी।

आगे की राह और अपेक्षाएं

फिलहाल इस प्रस्ताव पर सरकार की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। शिक्षक संगठन उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इस मामले पर गंभीरता से विचार करेगी। यह निर्णय न केवल शिक्षकों के हितों में होगा बल्कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में भी सहायक होगा। अगर यह प्रस्ताव स्वीकार हो जाता है तो यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।

अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। सरकारी नीतियों में बदलाव या निर्णयों की नवीनतम स्थिति के लिए कृपया आधिकारिक स्रोतों से संपर्क करें।

Meera Sharma

Meera Sharma is a talented writer and editor at a top news portal, shining with her concise takes on government schemes, news, tech, and automobiles. Her engaging style and sharp insights make her a beloved voice in journalism.

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